SHIV CHAISA - AN OVERVIEW

Shiv chaisa - An Overview

Shiv chaisa - An Overview

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अर्थ: हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।

द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

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जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

The uncovered kinds observe the Trayodashi (thirteenth lunar working day) fast, They meditate and complete the sacred fire ceremony. They observe the Trayodashi quick regularly, Making sure that their bodies stay absolutely free from afflictions.

मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

Chanting of Shiva Chalisa is completed by the devotees so shiv chalisa lyricsl that you can please and have the blessings in their beloved deity – Lord Shiva.

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